UGC Approved Journal no 63975(19)

ISSN: 2349-5162 | ESTD Year : 2014
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Volume 11 | Issue 5 | May 2024

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Published in:

Volume 10 Issue 11
November-2023
eISSN: 2349-5162

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Published Paper ID:
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Jetir RMS

Title

महात्मा गांधी के जीवन दर्शन एवं विचारों पर विविध ग्रंथों तथा व्यक्तियों का प्रभाव: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन

Abstract

महात्मा गांधी का व्यक्तित्व विश्वमानवता का प्रतिनिधि व्यक्तित्व है। उनके जीवन आदर्शाें में आस्तिकता, नैतिकता और ईश्वर के न्याय में आस्था, सत्य और अहिंसा, श्रम और कर्मनिष्ठा उनके सर्वाेच्च आदर्श हैं। ‘महात्मा गांधी की सम्पूर्ण वैचारिकता का आधार आत्मानुशासन और नैतिकता के प्रति उनकी दृढ़ आस्था है। उनके विचार से जनतंत्र के काबिल लोग तभी हो सकते हैं, जब वे व्यक्तिगत रूप से अंदरूनी एवं बाहृ अनुशासनों को सपूर्ण रूप से स्वीकार करें एवं पूर्ण तत्परता से उनका पालन करें। उनके विचार और दर्शन आने वाले समाज का पथ-प्रदर्शन करते रहेंगे। महात्मा गांधी के विचार और दर्शन विश्व राजनीति और समाज के लिए अमूल्य वरदान हैं। उनके विचारों केे मूल में सत्य और अहिंसा, अपरिग्रह और अस्तेय, संयम और सदाचार, श्रम, त्याग और परोपकार, सत्याग्रह और नैतिकता, आचरण की शुद्धता और कर्मनिष्ठा, कर्तव्य पालन, आत्मानुशासन और आध्यात्मिकता जैसे गंभीर विचार बिन्दु है जिन पर जीवन भर निष्ठापूर्वक प्रयोगशील बनकर आचरण और व्यवहार किया। महात्मा गांधी के जीवन-दर्शन को किसी एक व्यक्ति, संस्था, धर्म, सम्प्रदाय, देशी-विदेशी दार्शनिक-विचारक या साहित्य ने प्रभावित नहीं किया, उसमें अनके तत्व मिलकर एक अलग ही जीवन दर्शन का निर्माण करते हंै। उनका जीवन सत्य की साधना, प्रयोग और खोज का जीवन है। इस मार्ग में जो भी उनके सामने आया, अपने लक्ष्य और साधना के अनुकूल उससे ग्रहण किया या अपनी साधना के परिणाम को परीक्षित किया या उसके औचित्य को प्रमाणित किया। गांधी जी के चिन्तन का लक्ष्य मानव कल्याण था। गांधी जी भारत के लिए स्वराज्य का सपना संजोय हुए थे, उनके स्वराज्य का अर्थ अत्यधिक व्यापक है। गांधी जी के कर्म क्षेत्र और विचारों में धर्म और नैतिकता सदैव उपस्थित रहे हैं। उनका मानना था कि मानव का उद्देश्य आत्म-साक्षात्कार करना है। यह तब ही संभव है जबकि मनुष्य धार्मिक एवं नैतिक हो। उनके लिए नैतिकता से रहित धर्म धर्म नहीं है। उनके धर्म का अर्थ साम्प्रदायिकता भी नहीं है। धर्म शब्द उनके लिए बड़ा व्यापक शब्द है। वे अपने विचारों के बल पर विश्व राजनीति में धर्म (नैतिकता) और आध्यात्मिकता को मिलना चाहते थे। उन्होंने स्वराज्य के लिए कहा था कि जब तक एक की भी आंख में आंसू है तब तक स्वराज्य अधूरा है।

Key Words

जीवन दर्शन, विचार, आत्मानुशासन, नैतिकता, सत्य और अहिंसा, अपरिग्रह और अस्तेय, संयम और सदाचार, श्रम, त्याग और परोपकार, सत्याग्रह और नैतिकता, आचरण की शुद्धता और कर्मनिष्ठा, कर्तव्य पालन और आध्यात्मिकता।

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"महात्मा गांधी के जीवन दर्शन एवं विचारों पर विविध ग्रंथों तथा व्यक्तियों का प्रभाव: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन", International Journal of Emerging Technologies and Innovative Research (www.jetir.org), ISSN:2349-5162, Vol.10, Issue 11, page no.e274-e279, November-2023, Available :http://www.jetir.org/papers/JETIR2311438.pdf

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"महात्मा गांधी के जीवन दर्शन एवं विचारों पर विविध ग्रंथों तथा व्यक्तियों का प्रभाव: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन", International Journal of Emerging Technologies and Innovative Research (www.jetir.org | UGC and issn Approved), ISSN:2349-5162, Vol.10, Issue 11, page no. ppe274-e279, November-2023, Available at : http://www.jetir.org/papers/JETIR2311438.pdf

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Published Paper ID: JETIR2311438
Registration ID: 528624
Published In: Volume 10 | Issue 11 | Year November-2023
DOI (Digital Object Identifier):
Page No: e274-e279
Country: Kota, Rajasthan, India .
Area: Arts
ISSN Number: 2349-5162
Publisher: IJ Publication


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