Abstract
शोध सारांश - एशियाई वित्तीय संकट के समय गठित सन 1999 में वैश्विक अर्थव्यवस्था एवं वित्तीय स्थायित्व आदि महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार विमर्श हेतु ,व्यवस्थित औद्योगीकृत,विकसित एवं विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के वित् मंत्रियों तथा केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के द्वारा मिलकर जी-20 समूह की स्थापना की गई थी। अपने प्रारंभिक समय से ही जी-20 समूह द्वारा नियमित रूप से वित् मंत्रियों एवं सेंट्रल बैंक के गवर्नरों की वार्षिक बैठकों का आयोजन वैश्विक वित्तीय संवर्धन तथा स्थायित्व बढ़ाने के उपायों को को प्रोत्साहित करने और सतत् आर्थिक वृद्धि एवं विकास के उद्देश्य से किया जा रहा है । जी -20 समूह प्रारंभिक वर्षों में वित् मंत्रियों का मंच था। 2008 मैं इसे शिखर सम्मेलन का रूप दिया गया, जिसमें राष्ट्र प्रमुखों का प्रतिनिधित्व होने लगा। इस समूह में विकसित राष्ट्रों में जहां अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, यूरोपीय संघ, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, इटली, फ़्रान्स, कनाडा एवं जापान तो वहीं विकासशील राष्ट्रों में भारत, चीन, सऊदी अरब, दक्षिण अफ़्रीका, अर्जेंटीना, तुर्की, इंडोनेशिया, मैक्सिको,ब्राज़ील तथा रूस आदि शामिल हैं । मध्य नवंबर 20,22 में बाली शिखर सम्मेलन के अंत मैं जिस जी -20 की अध्यक्षता का जो हथोड़ा प्रधानमंत्री श्री मोदी जी को सौंपा गया, एक दिसम्बर को भारत ने औपचारिक रूप से जिस जी जी -20 की ज़िम्मेदारी सँभाली है, वह समूह वैश्विक की आबादी का 60% GDP का 85% तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार का 75% है।बाली शिखर सम्मेलन में विभिन्न विवादास्पद मुद्दों पर सर्वसम्मति बनाने में भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं भारत ने यह भी ठाना कि अपनी अध्यक्षता में वह वैश्विक चुनौतियों पर खरा उतरेगा और ऐसी छाप छोड़ेगा कि विश्व उसका लोहा मानेगा ।इस सम्मेलन के समापन सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक नेताओं के जमावड़े से कहा था कि कोविड-19 के बाद के दौर के लिए नई व्यवस्था बनाने की ज़िम्मेदारी अब हमारे कंधों पर है।मैं आप सभी को भरोसा दिलाना चाहता हूँ कि भारत की जी ट्वेंटी की अध्यक्षता समावेशी, महत्वाकांक्षी, निर्णायक और कार्रवाई उन्मुख होगी। निसंदेह यह चार शब्द जी ट्वेंटी के अध्यक्ष के रूप में भारतीय दृष्टिकोण को परिभाषित करते हैं। नई दिल्ली डिक्लेरेशन जिसे सभी जी ट्वेंटी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया है। इन सिद्धांतों पर हमारी कार्य करने की प्रतिबद्धता का ही प्रमाण है।